BJP is closely watching the Nuclear Liability Bill. As the central govt appears keen to succumb to the pressure of USA and nuclear suppliers and absolve them of any tragic accidents. It has introduced such ammendments in the bill which will make it impossible to pin down the suppliers in any unfortunate event.
सरकार के नीयत में खोट देख के परमाणु जिम्मेदारी विधेयक पर पहिले सहमत हो गइल भाजपा अब फूंक फूंक के डेग धरत बिया. केन्द्र सरकार अब जवन बिल सामने ले के आइल बिया ओकरा बाद कवनो आपूर्तिकर्ता से मुआविजा लिहल त दूर माँगलो मुश्किल हो जाई. संशोधन का मुताबिक सिर्फ सरकारे मुआविजा माँग सकी आ उहो ओह हालत में जब आपूर्तिकर्ता जानबूझ के गड़बड़ी कइले होखो. तय बा कि केन्द्र सरकार बिना रीढ़ के हड्डी वाला जइसन हो गइल बिया जेकरा के अमेरिकी प्रशासन आ परमाणु आपूर्तिकर्ता अपना हिसाब से नवा लिहले बाड़े.
संशोधन देख के इहो तय बा कि वामोदल एकर भरपूर विरोध करीहें आ सरकार के एह बिल के पास करवावे में, राजीव गाँधी के एगो मशहूर टिप्पणी का अंदाज में कहल जाव त, नानी याद आ जाई.
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