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बतिया पंचे के रही खूंटवा रहिये पर रही

वस्तु आ सेवाकर, जीएसटी, पर भाजपा शासित राज्य आपन विरोध छोड़े के तइयार नइखन. केन्द्र सरकार अबकी तिसरका मसौदा सामने रखले बिया बाकिर एहू पर विरोध बरकरार बा. विरोधियन के कहना बा कि एह से राज्यन के संविधान से मिलल वित्तीय स्वायतता खतम हो जाई आ हर काम खातिर केन्द्र के मुँह ताके के पड़ी. एह मसला पर पिछला साल भर से मतभेद से बेसी मनभेद बरकरार बा.

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