केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के कहना बा कि केन्द्र सरकार जनवरिये से भठियरपन का खिलाफ कार्रवाई में लागल बिया. सिविल सोसाइटी के लोग त अप्रेल में आन्दोलन शुरु कइल. कहलन कि अगर अन्ना के आपन ड्राफ्ट सबले बढ़िया लागत बा त उनुका चाहीं कि अपना समर्थक पार्टियन के ओकरा पर तइयार करवावसु आ ओकरा के संसद से पास करवावे के कोशिश करसु.
प्रणव मुखर्जी कहलन कि प्रधानमंत्री के लोकपाल का दायरा में ले आवल सरकार के स्थायित्व पर हमेशा खातिर खतरा बना दी आ ओह हालत मे सरकार के सही तरीका से चलावल मुश्किल हो जाई.
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