एगो मामिला में दिल्ली उच्च न्यायालय के कहना बा कि मरद मेहरारू से फरका रहेवाला ससुरालियन का खिलाफ औरत मुकदमा ना कर सके. एगो औरत अदालत में मुकदमा करके अपना ससुराल पक्ष से आपन जान के खतरा बतवले रहुवे. शादी का तुरते बाद मरद मेहरारू इगलैंड चल गइल रहलें. आ लड़िका के परिवार वालन के ओह लोग किहाँ आना जाना ना रहला का बावजूद ऊ औरत मुकदमा कर के घरेलू अपराध संरक्षण नियम में अपना ला सुरक्षा मंगले रहुवे. अदालत कहलसि कि औरत अगर चाहे त दंड विधान के अउरी धारा का तहत मुकदमा भले कर ले एह तरह के मामला घरेलू हिंसा संरक्षण का दायरा में ना आई.
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