इलाहाबाद हाई कोर्ट के कहना बा कि सरकार के फीस भरपाई करे के तौरतरीका गलत बा आ सरकार सामन्य वर्ग आ आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियन में भेदभाव करत बिया. सरकार के निर्देश दिहल गइल बा कि एक महीना का भीतर पारिवारिक आमदनी का आधार पर गरीब परिवार से आवे वाला विद्यार्थियन के फीस के भरपाई कर दिहल जाव. दोसरा तरफ सरकार के मुख्यसचिव के कहना बा कि सरकार का लगे अब एह मद मे रुपिए नइखे बाचल कि उ अउरी भरपाई कर सको. अब देखल जाव कि सरकार का करत बिया आ कोर्ट के नजरिया का होखत बा. कोर्ट इहो कहले बिया कि अगर सरकार फीस के भरपाई नइखे कर पावत त उ आगा से कॉलेजन के मजबूर मत करे कि उ लोग बिना फीस लिहले दाखिला ले लेव. सरकार से इहो कहल गइल बा कि दू सितम्बर ले कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर के बतावे कि एह बाबत का कइल गइल बा.
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