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महतारी के किरदार के नया आयाम दिहली निरूपा राय

पुण्यतिथि 13 अक्टूबर के अवसर पर

हिन्दी सिनेमा मे निरूपा रॉय के अइसन अभिनेत्री के तौर पर याद कइल जाला जे अपना किरदारन से महतारी के चरित्र के नया आयाम दिहली. निरूपा राय के असली नाम कोकिला रहे आ उनकर जनम 4 जनवरी 1931 के गुजरात के बलसाड मे एगो मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार मे भइल रहे. बाबूजी रेलवे मे काम करत रहले. चउथा क्लास ले पढ़ला का बाद निरूपा राय के बिआह मुंबई मे राशनिंग विभाग के कर्मचारी कमल राय से हो गइल. शादी का बाद निरूपा राय मुंबई आ गइली. ओही घरी निर्माता निर्देशक बी.एम.व्यास अपना नइकी फिलिम “रनकदेवी” ला नया चेहरन का तलाश में रहले. अखबार में विज्ञापन दीहले रहले. निरूपा राय के पति फिलिमन के बेहद शौकीन रहले आ खुद अभिनेता बनल चाहत रहले. से कमल राय अपना पत्नी संगे बी.एम.व्यास से भेंट करे गइले आ अभिनेता बने के चाहत बतवले. लेकिन बी.एम.व्यास साफ कह दीहले कि उनकर व्यक्तित्व अभिनेता लायक नइखे बाकिर अगर चाहसु त उनका पत्नी के अभिनेत्री बनावल जा सकेला. एकरा बाद फिल्म “रनकदेवी” मे निरूपा राय 150 रूपिया महीना पर काम करे लगली बाकिर बाद में उनका के एह फिलिम से अलगा कर दीहल गइल.
निरूपा राय के सिने कैरियर के शुरूआत भइल साल 1946 मे रिलीज गुजराती फिल्म “गणसुंदरी” .से. साल 1949 मे रिलीज फिलिम “हमारी मंजिल” से निरूपा राय हिंदी फिलिमन में अइली. ओ.पी.दत्ता के निर्देशन मे बनल एह फिलिम में उनकर नायक रहले प्रेम अदीब. एही साल उनुका फेर जयराज संगे “गरीबी” फिलिम मे काम करे के मौका मिलल. एह फिलिमन के सफलता का बाद निरूपा राय अभिनेत्री का रूप में आपन पहिचान बना लेबे में सफल हो गइली.
साल 1951 मे निरूपा राय के एगो अउर महत्वपूर्ण फिलिम “हर हर महादेव” रिलीज भइल. एहमें ऊ देवी पार्वती के भूमिका में रहली. फिलिम के सफलता का बाद निरुपा राय दर्शकन का दिमाग में देवी बनन गइली. एहौ दौरान “वीर भीमसेन” फिलिम में द्रौपदी के किरदार निभा के निरूपा राय दर्शकन के दिल जीत लिहली.
पचास आ साठ के दशक मे निरूपा राय के अधिकतर फिलिम धार्मिक आ भक्तिभाव वाला रहली स. हालांकि साल 1951 मे रिलीज “सिंदबाद द सेलर” फिलिम में निरूपा राय निगेटिवो किरदार कर देखवली. साल 1953 मे रिलीज “दो बीघा जमीन” निरूपा राय के सिने कैरियर खातिर मील के पत्थर बन गइल. विमल राय के निर्देशन मे बनल एह फिलिम में ऊ एगो किसान के पत्नी के किरदार में रहली. एह फिलिम में बलराज साहनी के मुख्य भूमिका रहे. बेहतरीन अभिनय से सजल इस फिलिम ला निरूपा राय के अंतराष्ट्रीय ख्याति मिलल.
साल 1955 मे फिल्मिस्तान के बैनर तले बनल फिलिम “मुनीम जी” निरूपा राय ला अहम फिलिम साबित भइल. एह फिलिम में निरूपा राय देवानंद के महतारी बनल रहली. एह किरदार के सशक्त अभिनय ला उनका सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार मिलल. लेकिन एकरा बाद छह साल ले ऊ महतारी के भूमिका वाला फिलिम ना सकरली.
साल 1961 में रिलीज “छाया” फिलिम में ऊ एक बेर फेरु महतारी के भूमिका कइली. अबकी ऊ आशा पारेख के महतारी बनल रही. एहू फिलिम में निरूपा राय के सशक्त अभिनय का चलते उनका के फेर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित कइल गइल.
साल 1975 मे रिलीज फिलिम “दीवार” निरूपा राय के कैरियर के महत्वपूर्ण फिलिमन में गिनाले. यश चोपड़ा के निर्देशन मे बनल एह फिलिम में निरूपा राय शशि कपूर आ अमिताभ बच्चन के महतारी रही. अपना सहज अभिनय से निरूपा राय एह किरदार के जीयतार बना दिहली.
निरूपा राय के सिने कैरियर पर नजर डलला पर पता चलेला कि सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के महतारी का रूप मे उनकर भूमिका हमेशा प्रभावशाली रहल बा. सबले पहिले ऊ “दीवार” मे अमिताभ बच्चन के महतारी बनल रही, फेरू “खून पसीना”, “मुकद्दर का सिकंदर”, “अमर अकबर एंथनी”, “सुहाग”, “इंकलाब”, “गिरफ्तार”, “मर्द”, आ “गंगा जमुना सरस्वती” जइसन फिलिमन में निरुपा राय अमिताभ बच्चन के महतारी बनली.
साल 1999 मे रिलीज फिलिम “लाल बादशाह” में ऊ आखिरी बेर अमिताभ बच्चन के महतारी के भूमिका कइली.
अपना पचास साल के सिने कैरियर में निरूपा राय नाहियो त 300 फिलिमन में काम कइली. अपना दमदार अभिनय से दर्शकन के मोह लेबे वाली निरूपा राय 13 अक्तूबर 2004 के एह दुनिया के अलविदा कह गइली.
(वार्ता के सौजन्य से)

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