जौनपुर 07 जनवरी (वार्ता) कबो पूरा देश मे अपना स्वाद, वजन आ लम्बाई खातिर जानल जाए जौनपुर के मशहूर मूरई बढत आबादी अउर कम होखत जात ऊपजाऊ जमीन के चलते बिलात जात बिया.
करीब तीस बरीस पहिले ले उत्तर प्रदेश मे जौनपुर शहर आ आस पास के इलाका में जौनपुर के मशहूर नेवार मूरई बहुते मिलत रहुवे बाकिर जवना इलाकन में इ मूरई पैदा होखत रहुवे तहवाँ आज बड़का बड़का आलीशान मकान बन गइल बाड़ी सँ. मकर संक्रांति प लोग अपना बहिन बेटी फुआ किहाँ खिचडी भेजत रहुवे त ओह में लाई, चिउरा, गुड़, गट्टा, आलू, गोभी संगे दू चार गो जौनपुरी मूरई जरुरे भेजत रहुवे. बाकि अब नेवार मूरई के पैदावार बहुते कम हो गइल बा आ अब इ मूरई बिलाए प लागल बिया.
बतावल जाला कि जौनपुर शहर के नवाब साहब के अहाता, चाचकपुर, चकप्यार अली, बलुआ घाट, रास्मंडल, बल्लोच टोला, लखनपुर, चौकिया धाम वगैरह जगहन प जौनपुरी मूरई पैदा होखत रहे. एहिजा के मूरई तीन से चार फीट लमहर आ दस से बारह किलो वजन के होखत रहुवे. बाकिर अब एह जगहन प रहे के मकान बन गइला का चलते नेवार मूरई के पैदावार खराब होखे लागल बा. अब जौनपुरी मूरई बमुश्किल दू से अढाई फुट लमहर आ तीन से पांच किलो तक वजने के हो पावत बा. ओकर सवादो पहिले जस नइखे रहि गइल.
जौनपुर के मूरई के संरक्षित करे ला चाचकपुर मुहल्ला के कुछ किसान कोशिश कइले बाकिर सफल ना हो पवले. लोग के कहना बा कि सरकार अगर एह दिसाईं कोशिश करे त बिलात जात जौनपुरी नेवार मूरई के बचावल जा सकेला.
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