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बारह साल बाद लवटि अइलन रामविलास पासवान राजग में

साल २००२ में गुजरात में गोधरा कांड का बाद भड़कल दंगा का बाद राम विलास पासवान राजग छोड़ दिहले रहलें. बाद में लालू प्रसाद के राजद साथे हो गइले आ भाजपा के हमेशा मुखालिफत करत रहले. बाकिर एने लालू के राजद रामविलास के भाव ना देत रहुवे आ कई महीना से उनुका के कवनो इशारो ना देत रहुवे कि उनका के कतना सीट दीहल जाई. दू बेर उ सोनियो से भेंट कइले बाकिर कवनो हलभल ना हो सकल. एहमजबूरी में आपन राजनीतिक वजूद बचवले राखे खातिर राम विलास पासवान भाजपा नेतृत्व वाली राजग में लवट अइले. राजग में उनका वाजिब सम्मानो मिलल आ सीट बँटवारा के फैसलो हो गइल. अब पासवान के लोजपा बिहार में सात सीट से चुनाव लड़ी.

बियफे साँझ के भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह आ लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान एक दोसरा के मिठाई खिया के एह गठबन्हन के एलान कइलें. पासवान साफ कहलन कि मोदी के प्रधानमंत्री बनला से उनुका कवनो विरोध नइखे आ अगिला सरकार राजगए के बनी.

याद करीं कि एक जमाना में तारकेश्वरी सिन्हा रहली जे चुनाव का पहिले पुरान पार्टी छोड़ नया में चल जासु आ जवना में जासु ओकर बाजा बाज जाव जबकि पुरनकी पार्टी जीत जात रहुवे. उनुका उलट रामविलास पासवान के खूबी ई ह कि उ चुनाव से हमेशा सत्ताधारी से जुड़ल रहेलें. अब राजग में पासवान के लवटला का बाद राजग के जीत अउरी मजगर होखे के आशा बन गइल बा. हो सकेला कि राजग के पूरा बहुमतो से बढ़िया बहुमत मिल जाव.

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