बलिया के मशहूर ददरी मेला के सरकारी तौर पर काल्हु बुध का दिने समापन हो गइल. बाकिर सोनपुर मेला अबहीं कुछ दिन चले वाला बा. सोनपुर मेला में भिखारी ठाकुर हमेशा जिन्दा रहेलें आ मेला आवे वाली मेहरारुवन के झुण्ड उनुकर कवनो ना कवनो गीत गावत सुना जाले. गवना कराई पिया घर बइठयले अपने गइल परदेस हो.. भा लागा, लागा झुलनिया का झटका, बलम कलकत्ता पहुंच गए.
एह गीतन के बिदेसिया अबहिओं कलकत्ते जाले जबकि असलियत में लोग अब पंजाब हरियाणा गुजरात के राह धरेला. पश्चिम बंगाल कम्युनिष्टन का फेर में बरबाद हो गइल आ अब एह घरी ममता के मुसलमान मोह में बरबाद होखत बा. सगरी राजनीति विकास का बदले वोट बैंक के धेयान में राख के चलावल जात बा.
छव रे महिना कहि के गइले कलकतवा बीति गइले बारह बरीस रे. पता ना बंगाल कब लवटी अपना लोग का बीच!
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