बिहार के शिक्षा व्यवस्था के नया ऊँचाई मिलल बा एह साल. मैट्रिक में जब आधा से बेसी विद्यार्थी फेल क गइलें त कहल गइल कि एकरा से साफ बा कि नकल ना होखे दीहल गइल आ इम्तिहान ठीक से लीहल गइल.
बाकिर हकीकत सोझा आ गइल जब इंटर आर्ट्स के टॉपर रुबी राय के इहो नइखे मालूम कि कुल्ह कतना नंबर के इम्तिहान दीहली आ कवन कवन विषय रहुवे उनकर. 500 नंबर का जगहा 600 नंबर बता दीहली आ पॉलिटिकल साइन्स के प्रोडिकल साइन्स बतवली. इहो कहली कि एहमें खाना बनावे का बारे में सिखावल जाला.
रुबी राय के बाबूजी के कहना बा कि ऊ त तनिका ध्यान राखे के कहले रहलन प्रिन्सिपल साहेब से बाकिर ऊ त टॉपे करा दीहलन. अब सगरी भेद खुल जात बा काहे कि रुबी साधारण विद्यार्थी रहली टॉपर बने जोग का बारे में त सोचलो गलत कहाई. बाकिर इहो कहलन कि एह गड़बड़ में उनकर आपन कवनो हाथ हइखे.
अब बोर्ड हर फैकल्टी के टॉपरन के इन्टरव्यू ली आ जरुरत पड़ी त एह लोग के लिखितो इम्तिहान लीहल जाई.
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