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विजन डोलाते थे वो बिजन डोलाते हैं

समय का सोझा केहू के ना चले. कांग्रेस के गुमान रहुवे कि ऊ देश के सरकार चलावे वाली पार्टी हीय आ सरकार में रहे भा विपक्ष में ओकरा के खास मान मिलते रही. बाकिर अबकी गणतंत्र जिवस के मौका पर ओकर ई गुमान टूट गइल. 69वां गणतंत्र दिवस मनावत देश देखल कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजपथ पर आगे का कतार में ना बइठल लउकलें आ नजर घुमवला प उनुका के छठवीं कतार में बइठल देखल गइल.

अपना मालिक के मिलल मान में कमी देख के कांग्रेसियन का करेजा पर साँप लोटे लागल बा. ओह लोग के कहना बा कि हमेशा से कांग्रेस अध्यक्ष के अगिला पाँति में जगहा मिलत आइल बा आ अबकियो मिले के चाहत रहुवे. बाकिर भाजपा अपना ओछ हरकत से राहुल गाँधी के अगिला कतार में बइठे के जगहा ना दिहलसि.

जान जाईं कि बइठे के जगहा प्रोटाकाल से तय होला आ एगो पीएम के विधवा होखला का नाते अबहीं हाल ले सोनिया गाँधी के प्रोटोकाल में अलग से शामिल राखल जात रहुवे. बाकिर अब जब ऊ कांग्रेस के अध्यक्ष नइखी रहि गइल त उनुका जगहा उनुका बेटा के बइठावल प्रोटाकाल के लाँघल होखीत. इहो धेयान में राखे के चाहीं कि एह तरह के प्रोटाकाल भाजपा सरकार के पहिले से चलल आवत बा.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पहिला पाँत में बइठल देखि के सवाल उठावल जा रहल बा जबकि ऊ सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष का नाते एकर अधिकारी रहलन. विपक्षी गोल के अध्यक्ष के जगहा प्रोटाकाल में पीछहीं राखल गइल बा. अगर पिछला सरकारन में लालकृष्ण आडवाणी के आगे बइठे के बाति कहल जाई त ऊ नेता विपक्ष रहलन आ आजुकाल केहू नेता विपक्ष नइखे.

कांग्रेस के चाहीं कि आपन पूरा दम लगा के अगिला बेर या त सरकार बना लेव आ ना हो सके त कम से कम नेता विपक्ष लायक बेंवत त बनाइए लेव. लोकलंत्र में एगो बरियार विपक्ष होखल जरुरी होला बाकिर बरियार विपक्ष बनावल सरकारी गोल का जिम्मे ना दीहल जाव.

अपडेट –

सरकार का तरफ से बतावल गइल बा कि सोनिया गाँधी आजुओ पहिला कतार में बइठली ह. तीन आदमी – लालक़ष्ण आडवाणी, अमित शाह, आ सोनिया गाँधी – खातिर अलग से विशेष प्रावधान का तहत व्यवस्था रहुवे. एह जानकारी का बाद राहुल के चमचन के चीत्कार बेमलब के प्रलाप मानल जाई.

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