पिछला लोकसभा चुनाव से ऐन पहिले भाजपा से गठबन्हन कइला के फायदा भासपा के ओमप्रकाश राजभर के खूब भइल. उनुका मिलल आठ गो सीट में से चार गो प उनुकर गोल जीत गइल. ना त ओकरा पहिले पता ना कव बेर चुनाव लड़ला का बावजूद उनुका विधानसभा के दर्शन दुलम रहत रहुवे. उनकर बेटा हालांकि चुनाव ना जीत पवले आ अब ओही बेटा के सांसद बनवावे का जुगत में लागल बाड़ें ओमप्रकाश राजभर. एह चलते आए दिन कवनो ना कवनो बहाने ऊ भाजपा आ ओकरा सरकार प, जवना में ऊ खुद शामिल बाड़न, कुछ ना कुछ तोहमत लगावल रहेलें. गाजीपुर के जिलाधिकारी के हटवावे ला ऊ ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल करे के धमकी दे दिहलन बाकिर इस्तेमाल करे के बेंवत ना जुटा पवलें. भाजपा के हालत साँप छछुन्दर वाली हो गइल बा. ना ल इनुका के घोंटले बनत बा ना ओकइले. बाकिर हार थाक के लागत बा कि अब भाजपा इनुका के इनकर औकात देखा देबे के तय कर लिहले बिया. पहिले सिद्धार्थनाथ सिंह इनका प जुबानी वार कइलन आ अब अनिल राजभर के इनुका पाछा लगा दीहल गइल बा. गोतिया ते काट गोतिए से करावे का प्लान का तहत राज्यमंत्री अनिल राजभर के कहना बा कि ओमप्रकाश राजभर अब अपना हद से बाहर निकल आइल बाड़न. इनुका लागत बा कि राजभर समुदाय के ठीका इनुके लगे बा. सूरज पर थूके निकल गइल बाड़न आ अब इनुका पता लाग जाई कि सूरज प थूके वाला के अंजाम का होला.
ओमप्रकाश राजभर, अनिल राजभर
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