लखनऊ 14 मार्च. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उनुके कर्मभूमि गोरखपुर में पहिला बेर मिलल शिकस्त का चलते भाजपा के एगो मजबूत किला आजु भस गइल.
पांच बेर लगातार एही सीट से सांसद रहल योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्रित्वकाल के पहिलके साल में अतना बड़हन हार मिलल. उनुके इस्तीफा से ई सीट खाली भइल रहुवे. अबकी भाजपा उमीदवार उपेन्द्र शुक्ल के समाजवादी गोल के उमीदवार प्रवीण निषाद 22 हजार भोट का अन्तर से हरा दिहलन.
अबकी के चुनाव सपा आ बसपा मिल के लड़ल रहलें. कांग्रेस अलबत्ता जरुर अकेले लड़ल रहुवे बाकिर ओकर कवनो असर देखे के ना मिलल. हँ ओकर मुसलमान उमीदवार हिन्दू वोट बैंक के गफलत में राख दिहलसि आ रिवर्स पोलराइजेशन ना हो पावल. हालांकि योगी के समर्थक राजेन्द्र सिंह के कहना बा कि गोरक्षपीठ से उमीदवार ना होखे के खामियाजा भाजपा के भुगते के पड़ल बा. एह सीट से दस बेर गोरक्षपीठाधीश्वर चुनाव जीत चुकल बाड़ें. साल 1967 में तब के गोरक्षपीठाधीश्वर मंहत दिग्विजय नाथ एह सीट के जीतले रहलें. उनुका बाद साल 1971 में मंहत अवैद्यनाथ जीतलें. साल 1989 में आ फेरु साल 1991 में उहें का जीतल रहीं. साल 1996 से महंत अवैद्यनाथ एहिजा के सांसद बनलीं.
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