
अयोध्या में श्रीराम मन्दिर तूड़ के बनावल बाबरी मस्जिद के ढाँचा गिरावल गइला का बाद तब के कांग्रेसी सरकार हिन्दू संगठनन के प्रभावशाली लोगन पर साजिशन मुकदमा लाद दिहले रहुवे.
सुनल सुनावल बात आ हवाई सबूतन का नाम पर 28 बरीस से एह लोग के परेशान कइल जात रहुवे.
अब काल्हु एह मामिला पर सुनावाई ला बनावल गइल सीबीआई के विशेष अदालत अपना फैसला में केस में कवनो पोढ़ सबूत ना मिलला का चलते सगरी लोग के दोषमुक्त घोषित क दिहलसि.
एह अदालती फैसला का बाद कांग्रेस अबहियो झूठ पसारे का काम में लागल बिया आ ओकर सबले बड़हन साथी बाड़न औवैसी जे एह फैसला के न्यायव्यवस्था पर कलंक तक कह दिहलें.
जाने जोग बा कि 6 दिसम्बर 1992 का दिने अयोध्या में जुटल हिन्दू भीड़ के नवही बेकाबू हो गइलें आ बार बार मना कइला का बावजूद ओह ढाँचा के गिरा दिहलें. लोग का बीच अइसन उछाह रहल कि ढाँचा के मलवा ले लोग हाथेहाथ उठा ले गइल आ सब कुछ सपाट हो गइल.
अदालत के कहना बा कि कवनो सबूत अइसन नइखे जवना से मानल जा सके कि एह विध्वंस का पीछे केहू कवनो साजिश रचले रहुवे. आ जवना लोग के आरोपी बनावल गइल ऊ लोग त भीड़ के मनावे में लागल रहुवे कि ढाँचा मत गिरावे लोग काहे कि ओकरा नीचे भगवान के मूर्ति बावे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत एह फैसला के आश्चर्यजनक बतवले बाड़न. उनकर कहना बा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला का उलट बा ई फैसला.
जमीयत उलेमा ए हिन्द के सभापति मौलाना अरसद मदनी सवाल कइले बाड़न कि ई न्याय ह कि न्याय के असफलता ? का अह फैसला से लोग में अदालत पर भरोसा बढ़ी ?
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय एह फैसला पर कवनो टिप्पणी ना करत कहलें कि जे लोग एह फैसला से खुश नइखे ऊ लोग उपर के अदालत जा सकेला.
द्रमुक सभापति एमके स्टालिन के कहना बा कि एह मामिला में केन्द्र सरकार के तोता बन गइल सीबीआई के गलती बा जे सहू तरीका से सबूत पेश ना कइलसि.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य डफरयाह जिलानी कहले बाड़न कि एह फैसला का खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बौर्ड हाई कोर्ट में अपील करी.
माकपा एह फैसला के न्याय के मजाक बतवले बिया.
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