
पचासो से अधिका साल राजनीति में धुरंधर रहल आ छह गो प्रधानमंत्रियन के सरकार में मंत्री रहल रामविलास पासवान के काल्हु बियफे का दिने हृदय रोग से निधन हो गइल. अबहीं पिछला शनिचर के उनुका हृदय पर शल्यक्रिया कइल गइल रहुवे बाकिर ऊ एह बीमारी से छुटकारा ना पा सकलें.
अपना पापा के मौत के जानकारी देत उनुकर बेटा आ लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ट्वीट पर लिखलें कि – पापा अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है, आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं.
एम ए, एल एल बी रामविलास पासवान के जनम 5 जुलाई 1946 का दिने खगड़िया जिला में अलौली के शहरबन्नी गांव में भइल रहुवे. कोसी कॉलेज खगड़िया आ पटना विश्वविद्यालय से पढ़ाई कइलन आ एही दौरान छात्र राजनीति मे शामिल हो गइलें. जेपी आन्दोलन में सक्रिय रहल रामविलास के आपातकाल का दौरान गिरफ्तार क लीहल गइल रहुवे. बाद में ऊ जनता पार्टी सदमे शामिल हो गइलें आ 1977 मे भइल चुनाव में हाजीपुर से सांसद बन गइलें. एकरा बाद ऊ कबहीं पीछे मुड़ के ना देखलें. जनमत पर उनुकर पकड़ अइसन रहुवे कि लालू प्रसाद उनुका के मौसम विज्ञानी के नाम दे दिहलें. जब चुनाव का बेरा ऊ पलटी मार के दोसरा तरफ जासु त ओह तरफ के जीत हो जाव. एही खासियत का चलते ऊ करीब करीब हर दल का सरकार में लगातार शामिल रहत अइलन. इहां ले कि कांग्रेसी गठबन्धनो का सरकार में ऊ मंत्री बनत रहलें.
अब एह साल होखे जा रहल बिहार विधानसभा में उनुकर मत जानल ना जा सकल. हालांकि कुछ दिन पहिले ऊ कहले रहलें कि चिराग के हर फैसला से ऊ एकमत बाड़ें जब चिराग पासवान बिहार में नीतीश कुमार के खुला विरोध के एलान कइलें.