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जो घर जारे आपना, चले हमारे साथ.

भोजपुरी के आदिकवि संत कबीरदासजी के एगो मशहूर दोहा से आजु के लेख शुरू कर रहल बानी – कबिरा खड़ा बाजार में लिये लुकाठी हाथ जो घर जारे आपना, चले हमारे साथ. पता ना ओह जमाना में शेयर बाजार रहुवे कि ना बाकिर एह दोहा के शेयर बाजार खातिर इस्तेमाल कइला में कवनो दिक्कत नइखे … Read more

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सगरी उमिरिया छछनत जियरा कइसे तोहके पाईं

भोलानाथ गहमरी जी के रचल एगो निर्गुन बहुते मशहूर रहल बा. आजु के शुरुआत ओकरे से करत बानी. कवने खोतवा में लुकइलू आहि रे बालम चिरई, आहि रे बालम चिरई. बन बन ढुंढली, दर दर ढुंढलीं, ढुंढलीं नदी का तीरे, साँझ के ढुंढली, राति के ढुंढली, ढुंढली होत फजीरे जन में ढुंढली, मन में ढुंढली, … Read more

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ट्रेडिंग में सफलता चाहीं त नवीन पटनायक बन के रहीं

ट्रेडिंग में सफलता चाहीं त नवीन पटनायक बन के रहीं, नीतीश बने चलब त सब कुछ बिलाए वाला बा. नवीन बाबू बाजार (केन्द्र सरकार) से ना लड़सु. अगर बाजार उनुका मनमाफिक रहल त साथे चल चलीहें, ना त चुपचाप अपना काम में मगन रहीहें. दोसरे ऊ आपन पूंजी (साख, राजनीतिक लोकप्रियता) गँवावे के जोखिम ना … Read more

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शुक 2 सितम्बर 2022 का दिने शेयर बाजार कइसन रही

पता ना. बाकिर सभका तरह अटकर लगवला में हमरा कवनो नुकसान नइखे लउकत. ई सगरी पोस्ट हम अपना ट्रेडिंग का बारे में लिपिबद्ध करे खातिर करत बानी. कहल जाला कि हर ट्रेडर के अपना ट्रेडिंग के विवरण दर्ज क के राखे के चाहीं. बाजार खुलल रहला का समय के त ना बाकिर जब बाजार बन्द … Read more

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